आयेगा ,अवश्य आयेगा वह नया विहान , जब नए सिरे से होगी इन्सान की पहचान। आयेगा ,अवश्य आयेगा वह नया विहान , जब नए सिरे से होगी इन्सान की पहचान।
कई पीड़ाएं झेलकर तूने मुझे जन्म दिया माँ! कई पीड़ाएं झेलकर तूने मुझे जन्म दिया माँ!
घिरा हूँ आज कुछ ऐसे चक्रव्यूह में फंसा अभिमन्यु हो जैसे। घिरा हूँ आज कुछ ऐसे चक्रव्यूह में फंसा अभिमन्यु हो जैसे।
पीए बोला - महाशय, यह सच है कि हम पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य को पूर्ण करने जा रहे हैं पीए बोला - महाशय, यह सच है कि हम पंचवर्षीय योजना के लक्ष्य को पूर्ण करने जा ...
तभी तो वे करोड़ों में मुद्राएँ कमा रहीं हैं... तभी तो वे करोड़ों में मुद्राएँ कमा रहीं हैं...
हाँ थोड़ा सा अजीब है शब्दों मे न तहजीब है न तमीज़ है बात जब सही और गलत की हो तो फिर लेखन भी ... हाँ थोड़ा सा अजीब है शब्दों मे न तहजीब है न तमीज़ है बात जब सही और गलत की ह...